गूगल की जय-हो!!!

गूगल ने अभी हाल ही मैं एक नयी सुविधा की घोषणा की. इसके रहते जितने भी लोग ईमेल का इस्तेमाल करते हैं, अब वोह सिर्फ अंग्रेजी ही नहीं, बल्कि अलग अलग भाषायों में भी हो सकती हैं, जैसे हिंदी, तमिल, तेलुगु और मलयालम. यह पहेली बार नहीं हैं की जब ऐसी सुविधा किसीने दी हो, मगर गूगल के करने से भारत में भाषा-कंप्यूटिंग को बहुत प्रोत्साहन मिलेगा चुकी अब भारतीय लोग ईमेल का उपयोग चिट्टी की तरह कर सकते हैं, जैसे हम रोज़मारह बात करते हैं.

इस सुविधा का इस्तेमाल करना कठिन भी नहीं हैं, आप अंग्रेजी में टाइप करे (जैसा में अभी कर रहा हूँ) और वो अपने आप हिंदी में रूपांतरित हो जाता हैं. ठीक इसी तरह बाकी भाषाओं का भी इस्तेमाल होता हैं. जैसे में अभी namashkaar लिख रहा हों और वोह अपने आप नमस्कार, ನಮಷ್ಕಾರ್, നമഷ്കാര്‍, நமஷ்கர், నమష్కార్, में तब्दील हो जाता हैं. और ये ही नहीं, आप शब्दकोष का भी उपयोग कर सकते हैं, और स्पेल्चेच्क भी काम करता हैं. यह सब मात्र एक क्लिक पर.

मुझे बेहद ख़ुशी हैं, और यह उम्मीद हैं की इस सुविधा से लोगों को बहुत ख़ुशी होगी. और मेरे जैसे लोग, जो हिंदी का प्रयोग सिर्फ बोलने में करते हैं, न की लिखने में, शायद कुछ बेहतरी हों. अभी भी देखिये, यह ब्लॉग पोस्ट लिखने में मुझे बहुत सोचना पढ़ रहा हैं, क्योंकि मेरा दिमाग अब अंग्रेजी में ही सोचता हैं, कई शब्दों का हिंदी मूल भूल चुका हूँ, और तो और अपने मसतिक को कुछ ज्यादा ही खाकोलना पढ़ रहा हैं. मगर कुछ भी कहिये बड़ा मज़ा आ रहा हैं, बचपन में मेरी हिंदी की व्याख्या और स्पेल्लिंग दोनों ही बहुत ख़राब थी परन्तु मुझे अब इसकी चिंता नहीं हैं चुकी गूगल उसका ख्याल रखता हैं.

पता नहीं बहुत से बेवकूफ लोगो इस सुविधा का महत्व समझ न सके, मगर इस में कोई शक नहीं हैं की इस सेवा से बहुतसो की भाषा थोडी सी सुधर जाए, और इस के लिए हम गूगल के आभारी हैं.